रंग-बिरंगी मछलियाँ भला किसे नहीं अच्छी लगतीं। मुझे तो बहुत अच्छी लगती हैं। अंडमान में समुद्र में तो ढेर सारी रंग-बिरंगी मछलियाँ दिखती थीं। ग्लास-बोट से उन्हें देखना बहुत रोमांचक लगता था।
यहाँ इलाहाबाद में भी मैंने एक्वेरियम में ढेर सारी मछलियाँ रखी हैं। उन्हें मैं रोज अपने हाथों से खिलाती हूँ।
कित्ता अच्छा लगता है, जब सारी मछलियाँ मुझे देखते ही ग्रुप में आगे आ जाती हैं कि अब मैं उन्हें उनका फ़ूड दूंगीं।
मुझे तो गोल्ड-फिश बहुत प्यारी लगती हैं।
इसके अलावा मेरे एक्वेरियम में एन्जिल, शुभांगिनी, शार्क जैसी मछलियाँ भी हैं। अपूर्वा भी इनके साथ खूब इन्जॉय करती है।
वाह, प्यारी मछलियाँ
जवाब देंहटाएंSo Colourful..Looks nice collection.
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंCute Fishes..wow.
जवाब देंहटाएंइन्हें बिल्ली से बचाकर रखियेगा।
जवाब देंहटाएंमछली जल की रानी है।
जवाब देंहटाएंI love Gold Fishes.
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