आज के दिन की विशेषता क्या है...नहीं पता न आपको. चलिए मैं बताती हूँ. आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की जयंती है. जबसे अंडमान आई हूँ, नेता जी के दर्शन खूब होते हैं.
(मरीना पार्क में नेताजी की प्रतिमा)
(सेलुलर जेल की पिक्चर गैलरी में नेता जी)
(मरीना पार्क में एक सुबह पाखी और नेताजी)
(मेरे स्कूल में भी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस)
(एक जानकारी पापा की तरफ से भी : नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने सर्वप्रथम पोर्टब्लेयर में ही तिरंगा फहराकर अंग्रेजों की गुलामी से भारत के इस प्रदेश को सबसे पहले आजाद किए जाने का ऐलान किया था। वह तिथि थी 30 दिसम्बर 1943 . इस दिवस की स्मृति में अंडमान क्लब के सामने व नेताजी स्टेडियम परिसर में 30 दिसम्बर स्मारक भी स्थापित किया गया है, जो द्वीपों में नेताजी के आगमन तथा तिरंगा फहराए जाने के ऐतिहासिक क्षण का मूक साक्षी है। गौरतलब है कि नेता जी ने अंडमान-निकोबार को स्वराज और शहीद द्वीपों का नया नाम भी दिया था.)
(इन्हें तो आप पहचानते ही होंगे. कैप्टन लक्ष्मी सहगल, जो कि नेता जी की अनन्य सहयोगी थीं. कादम्बिनी पत्रिका के लिए कानपुर में उनका साक्षात्कार लेते पापा)
...तो देखा, मैंने आज नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जी से उनके जन्मदिन पर आपकी मुलाकात कराई. अब जोर से बोलियेगा- जय हिंद. आखिर यही तो उनका सबसे प्यारा नारा था.
!! जय हिंद !!
(मरीना पार्क में नेताजी की प्रतिमा)
(सेलुलर जेल की पिक्चर गैलरी में नेता जी)
(मरीना पार्क में एक सुबह पाखी और नेताजी)
(मेरे स्कूल में भी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस)
(एक जानकारी पापा की तरफ से भी : नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने सर्वप्रथम पोर्टब्लेयर में ही तिरंगा फहराकर अंग्रेजों की गुलामी से भारत के इस प्रदेश को सबसे पहले आजाद किए जाने का ऐलान किया था। वह तिथि थी 30 दिसम्बर 1943 . इस दिवस की स्मृति में अंडमान क्लब के सामने व नेताजी स्टेडियम परिसर में 30 दिसम्बर स्मारक भी स्थापित किया गया है, जो द्वीपों में नेताजी के आगमन तथा तिरंगा फहराए जाने के ऐतिहासिक क्षण का मूक साक्षी है। गौरतलब है कि नेता जी ने अंडमान-निकोबार को स्वराज और शहीद द्वीपों का नया नाम भी दिया था.)
(इन्हें तो आप पहचानते ही होंगे. कैप्टन लक्ष्मी सहगल, जो कि नेता जी की अनन्य सहयोगी थीं. कादम्बिनी पत्रिका के लिए कानपुर में उनका साक्षात्कार लेते पापा)
...तो देखा, मैंने आज नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जी से उनके जन्मदिन पर आपकी मुलाकात कराई. अब जोर से बोलियेगा- जय हिंद. आखिर यही तो उनका सबसे प्यारा नारा था.
!! जय हिंद !!
!! जय हिन्द !!
जवाब देंहटाएंआज २३ जनवरी है॥ आज़ादी के महानायक, अद्वुतीय साहसिक योद्धा और क्रान्तिवीर नेता सुभाषचन्द्र बोस का जन्म दिन है॥ अपने साहस और मजबूत इरादो के बल पर ब्रिटिश साम्राज्य के छक्के छुडा देने वाले महान नेता को कोटि कोटि नमन॥
जय हिंद ..........
जवाब देंहटाएंनेताजी को शत शत नमन
नेताजी से मिलवाने के लिए धन्यवाद पाखी
जवाब देंहटाएंजय हिन्द, पाखी।
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा पाखी आपके ब्लॉग पर नेता जी से मिलकर और जान कर.
जवाब देंहटाएंWith Love-
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क्या आज क़े नौजवान नेताजी का पुनर्मूल्यांकन करवा सकेंगे?
सामयिक और सुन्दर पोस्ट.
जवाब देंहटाएंनेताजी का तुम्हारा दिया परिचय अच्छा है.तुम्हारे पिताजी जिन कैप्टेन लक्ष्मी सहगल का इंटरव्यू ले रहे हैं,वह नेताजी की रानी लक्ष्मीबाई रेजीमेंट की कमांडर थीं.
जवाब देंहटाएंक्रन्तिस्वर तथा जो मेरा मन कहे पर भी नेताजी के योगदान का वर्णन है.
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया मुलाकात!
जवाब देंहटाएंनेताजी मेरे दिल में हमेशा जिन्दा हैं. उनको शत शत नमन है.
जवाब देंहटाएं!! जय हिन्द !!
जय हिंद ..........
जवाब देंहटाएंनेताजी को शत शत नमन
जय हिंद!
जवाब देंहटाएंनेताजी से मिलवाने के लिए धन्यवाद|
नेता जी को शत-शत नमन।
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंDear Pakhi ,
Nicely written .
Jai Hind !
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नेता जी से मिलकर आप सभी खुश हो गए न..मैं भी उन्हें देखकर बहुत खुश हुई थी.
जवाब देंहटाएं@ Mathur Dada ji,
जवाब देंहटाएं..पता है, तभी तो उनकी फोटो भी लगाई है..
nice post,
जवाब देंहटाएंjai hind.
सरस एवं प्रभावशाली प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकार कीजिए और गणतंत्र-दिवस के अवसर पर मंगल कामनाएं भी।
जवाब देंहटाएंसद्भावी - डॉ० डंडा लखनवी
कल २८/०२/२०१३ को आपकी यह पोस्ट http://bulletinofblog.blogspot.in पर लिंक की गयी हैं | आपके सुझावों का स्वागत है | धन्यवाद!
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