रविवार, जून 20, 2010

पापा मेरे सबसे प्यारे

आपको पता है, आज फादर्स डे है। वर्ल्ड फादर्स डे का आरंभ 20वीं सदी के आरंभ में हुआ। पहले इसका प्रभाव मात्र पाश्चात्य देशों में था, अब तो अपने इण्डिया में भी दिखने लगा है। वैसे यह कितना अजीब लगता है ना कि हर किसी के लिए एक दिन फिक्स कर दो, भला रिश्तों को भी दिनों में बांधा जा सकता है. पर आजकल ऐसा ही हो रहा है. खैर चलिए, आज इसी बहाने आपको वर्ल्ड फादर्स डे के बारे में बताती हूँ. और ये सब बातें भी पापा ने ही तो बताई है. उनका यह लेख पढ़िए ना-

फादर्स डे के आरंभ होने की भी एक रोचक दास्ताँ है. वाशिंगटन की एक महिला सोनोरा स्मार्ट डोड ने 1909 में स्पोकेन के सेंट्रल मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च में 'मदर्स डे' के बारे में सुना तो उन्हें पिता के लिए भी ऐसा ही दिन ' फादर्स डे' होने की जरूरत महसूस हुई। सोनोरा के पिता विलियम स्मार्ट ने अपनी पत्नी के गुजरने के बाद पूरे परिवार की देखभाल की थी और सोनोरा इसके लिए उन्हें दिल से धन्यवाद देना चाहती थी, लिहाजा पहली बार 1910 में जून महीने के तीसरे रविवार को 'फादर्स डे' मनाया गया। अर्थात इस साल 2010 में फादर्स-डे के 100 साल पूरे हो गए. इसके बाद धीरे-धीरे फादर्स-डे का रिवाज़ पश्चमी देशों में फैलने लगा. 1913 में अमेरिकी कांग्रेस में इसे राष्ट्रीय स्तर पर त्योहार के रूप में मनाने के लिए पहली बार बिल पेश किया गया। राष्ट्रपति विल्सन इसे आधिकारिक दर्जा देना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने इसका विरोध किया। उन्हें डर था कि कहीं इससे दिवस का व्यवसायीकरण न हो जाए। अमेरिका में कई बार यह बिल पेश किया गया लेकिन कांग्रेस ने इसे नामंजूर कर दिया। इस सबसे क्षुब्ध सीनेटर मार्गरेट ने 1957 में कांग्रेस को एक भावभीनी खत लिखा और कहा कि 'मदर्स-डे' के रूप में 40 सालों से माँ को सम्मानित किया जा रहा है जबकि पिता को नजरअंदाज किया जा रहा है। अंतत: 1966 में अमेरिका के राष्ट्रपति लिंडन ने पहली बार जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने के लिए पहली सरकारी घोषणा की। रुस में यह 23 फरवरी, रोमानिया में 5 मई, कोरिया में 8 मई, डेनमार्क में 5 जून, ऑस्ट्रिया व बेल्जियम में जून के दूसरे रविवार एवं ऑस्ट्रेलिया व न्यूज़ीलैंड में इसे सितम्बर के प्रथम रविवार और भारत सहित विश्व भर के 52 देशों में इसे जून माह के तृतीय रविवार को मनाया जाता है। वैसे दुनिया में ममा-पापा से बढ़कर कोई नहीं. वे हमें कित्ता प्यार करते हैं. हमारी हर फरमाइश पूरी करने से लेकर हमारे लिए हर ख़ुशी ढूंढने तक. ऐसे में ऐसे रिश्तों को दिन में बांधना उचित तो नहीं कहा जा सकता।
मैं तो अपने ममा-पापा को हमेशा मिस करती हूँ, क्लास में भी. चलिए आज पापा के साथ अपनी शरारतें आपके साथ शेयर करती हूँ, ममा के इस बाल-गीत के साथ-
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पापा मेरे सबसे प्यारे
मुझको खूब घुमाते हैं
मैं जब करूँ शरारतें
प्यार से समझाते हैं।

मुझको स्कूल छोड़ने जाते
होमवर्क भी करवाते हैं
उनकी पीठ पर करूँ सवारी
हाथी-घोड़ा बन जाते हैं।

आफिस से जब आते पापा
मुझको खूब दुलराते हैं
चाकलेट, फल, मिठाई लाते
हमको खूब हँसाते हैं।


32 टिप्‍पणियां:

  1. Fathers day per पाखी को ढेर सारी बधाइयाँ

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  2. बहुत अच्छा लेख...खूबसूरत कविता और सुन्दर फोटो .....अच्छा लगा पढ़ कर और देख कर ..

    happy father's day

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  3. बहुत सुंदर प्रस्‍तुति !!

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  4. फादर्स डे कि बहुत बहुत बधाइयाँ

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  5. अच्छा, आज पिताजी दिवस है। हमारे यहां इतना प्रचार नहीं है। जब प्रचार हो जायेगा तो सभी कहा करेंगे कि आज बाप्पू का दिन है।

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  6. बेनामी20 जून, 2010

    फादर्स डे पर तो तुमने अच्छी जानकारी दी...

    पाखी को फादर्स डे की बहुत बहुत शुभकामनाएं :)

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  7. प्यारे प्यारे मम्मी पापा की प्यारी प्यारी बिटिया पाखी बहुत सुन्दर लग रही है पापा के साथ...पापा को हैप्पी फादर्स डॆ. :)

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  8. पाखी ने तो फादर्स दे पर बड़ी सुन्दर व सारगर्भित जानकारी दी. ..सुन्दर बाल गीत और पापा के साथ प्यारी-प्यारी मनोहारी फोटुयें देखकर मन प्रसन्न हो गया..आशीष व शुभकामनायें !!

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  9. पाखी बिटिया, अब आपके ब्लॉग की नई डिजाईन भी खूब फब रही है. ऊपर उड़ते पक्षी आपकी 'पाखी' का अहसास करा रहे हैं..शुभकामनायें.

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  10. पापा-बिटिया का प्यार तो बेजोड़ है...एक से बढ़कर एक चित्र और मासूम कविता..बधाई.

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  11. आपके ब्लॉग की नई डिजाईन तो काफी मनभावन लगी पाखी जी ..बधाई.

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  12. फादर डे के बारे में कुछ पता नहीं था , अच्छी जानकारी दी आपने , धन्यवाद
    फादर डे की शुभकामनायें

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  13. आफिस से जब आते पापा
    मुझको खूब दुलराते हैं
    चाकलेट, फल, मिठाई लाते
    हमको खूब हँसाते हैं।
    ....Bahut khub Pakhi.

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  14. फादर्स-डे ने अपने 100 साल पूरे कर लिए...बहुत-बहुत बधाई पाखी और पाखी के पापा को.

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  15. वाह पाखी, आज तो अपने बड़ी नई बात बताई...समझदार हो गई है बिटिया रानी.

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  16. वैसे ये चित्र देखकर इतना जरुर कहना पड़ेगा कि बच्चे के सामने हर पिता को बच्चा ही बनना पड़ता है. खुबसूरत जोड़ी है बेटा-पापा की और कविता तो मजेदार.

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  17. फादर्स दे पर यह पोस्ट तो लाजवाब रही..पाखी की मीठी-मीठी बातें.

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  18. क्या खूब कही पाखी जी ने. अब तो हम भी अगले साल फादर्स डे मनाएंगे.

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  19. पापा पर लिखी ये प्यारी कविता तो मैं गुनगुना भी रहा हूँ..कित्ती प्यारी.

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  20. बेनामी21 जून, 2010

    प से पाखी
    प से पापा
    ..है न मजेदार. बधाई.

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  21. बेनामी21 जून, 2010

    लगता है फादर्स डे पर पापा ने आपके ब्लॉग की डिजाईन भी बदलकर सुन्दर कर दी है..अब और भी खूबसूरत लग रहा है आपका ब्लॉग.

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  22. बेहतरीन अभिव्यक्तियाँ..बधाई.फादर्स डे कि बहुत बहुत बधाइयाँ

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  23. pyari tashwire aur ek achche lekh ke saath bahut sundar post...

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  24. आप सभी को फादर्स-डे पर मेरी यह पोस्ट पसंद आई..है ना जानकारीपूर्ण. बस अपना प्यार और आशीष यूँ ही बरसाते रहें इस प्यारी सी गुडिया पर.

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  25. @ मयंक दादा जी,
    जाकर देखा..मनभावन लगा. 'पाखी कि दुनिया ' की चर्चा अच्छी लगी. अपना आशीर्वाद बनाये रहें.

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  26. अच्छी जानकारी .. धन्यवाद

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  27. वाह पाखी बहुत सुन्दर कही, जानकारी भी खूब और चित्र भी मजेदार!

    मुझे तुम्हारे पापा से मिलने की इच्छा बहुत है !

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    अब आप इस घुड़सवार को यहाँ भी देख सकते हैं!
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