रविवार, मई 12, 2013

'माँ' ही तो 'परी' है


आज मदर्स डे है. हर साल मई माह के दूसरे रविवार को यह सेलिब्रेट किया जाता है.वैसे तो ममा से प्यार जताने के लिए किसी खास दिन की जरुरत नहीं, पर आज का दिन तो सिर्फ ममा का है..आज के दिन के लिए ममा को ढेर सारा प्यार और बधाई. U r the best Muma.


                                                           (चित्र में : ममा, मैं और अपूर्वा)

 मैं तो अपनी ममा से बहुत प्यार करती हूँ. इस मदर्स डे पर हम बनारस में हैं और मैं पापा के साथ मिलकर ममा को कोई सरप्राइज गिफ्ट दूंगी।

कहते हैं माँ 'परी' का दूसरा रूप होती है। आज मदर्स डे पर आप सबके साथ पापा की एक छोटी व प्यारी सी कविता 'परी' शेयर कर रही हूँ !

बचपन में
माँ रख देती थी चाकलेट
तकिये के नीचे
कितना खुश होता
सुबह-सुबह चाकलेट देखकर।
माँ बताया करती 
जो बच्चे अच्छे काम     
करते हैं
उनके सपनों में परी आती
और देकर चली जाती चाकलेट।
मुझे क्या पता था
वो परी कोई और नहीं
माँ ही थी।





7 टिप्‍पणियां:

  1. वो माँ ही थी ...
    सही है माँ ही तो भगवान होती है ,.. भ्रह्म होती है .. मातृ दिवस ती की हार्दिक शुभकामनाएँ...

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  2. बहुत सुन्दर...मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ...

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  3. बहुत प्यारी कविता, आपको शुभकामनायें।

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  4. आप सभी लोगों को यह पोस्ट पसंद आई। बहुत सारा धन्यवाद और प्यार। ऐसे ही हमें प्रोत्साहित करते रहिएगा।

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  5. मुझे क्या पता था
    वो परी कोई और नहीं
    माँ ही थी। ...Kya kahe isase age.

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