रविवार, अप्रैल 22, 2012

विश्व पृथ्वी दिवस : अपूर्वा की एक नन्ही सी कोशिश

आज विश्व पृथ्वी दिवस है. पृथ्वी जब तक सुरक्षित है, हम सभी सुरक्षित हैं. इसीलिए हमें पेड़-पौधों की रक्षा करनी चाहिए, क्योंकि ये धरा के आभूषण हैं. लोग कहते भी हैं कि पहले तो पेड़ काटो नहीं और यदि काटना ही पड़े तो एक की जगह दो पेड़ लगाना चाहिए। लगता है हमारी छोटी बहन अपूर्वा को भी यह बात पता है कि आज विश्व पृथ्वी दिवस है. वह सुबह से ही गमले में एक सूखी टहनी को लगाने का प्रयास कर रही है. आखिर जब चारों तरफ हरियाली हो तो फिर यह एक टहनी सूखी कैसे रह सकती है.इसे गमले में लगा देती हूँ.शायद यह दूसरे हरे-भरे पौधों का साथ पाकर फिर से हरा-भरा हो जाये.ऐसा ही कुछ अपूर्वा सोच रही है.चलिए, हम सब लोग भी कुछ ऐसा ही प्रयास करते हैं. शायद पृथ्वी और हरी-भरी हो उठे.


5 टिप्‍पणियां:

  1. आप अपनी बहन को अभी से योग्य बना रही हैं।

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  2. हमारी तरफ से अपूर्वा को इस नेक पहल के लिए ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद.

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  3. कम उम्र में सुन्दर सीख...भारत का भविष्य सुरक्षित है.

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  4. नन्हीं कोशिशों से ही बड़े सपने पूरे होते हैं. इतनी कम उम्र में आप लोगों की सचेतता बड़ी सुन्दर लगती है..बधाई.

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  5. अपूर्वा का चित्र तो वाकई शानदार है..स्नेहाशीष.

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