सोमवार, जून 13, 2011

पाखी चली घूमने...बाय-बाय


मैं कल से 10 दिन के लिए घूमने मामा-पापा और तन्वी के साथ दूसरे द्वीपों पर जा रही हूँ. इस बीच हम जारवा बेल्ट क्रास करते हुए अंडमान के सबसे दक्षिणी भाग डिगलीपुर तक जायेंगें. अब तो छुट्टियाँ भी ख़त्म होने वाली हैं, फिर सारी घुमाई अभी कर लूँ. अब, जब घूमकर आऊंगी तो आप सभी से ब्लॉग पर मुलाकात होगी..तब तक के लिए बाय-बाय !!

13 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही रोचक और बालोपयोगी प्रस्तुति के लिए मेरी बधाई .

    आपका हार्दिक स्वागत

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  2. तुम्हारा सफर मनोरंजक हो..शुभकामनाओ सहित बाय..बाय...

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  3. मेरा बिना पानी पिए आज का उपवास है आप भी जाने क्यों मैंने यह व्रत किया है.

    दिल्ली पुलिस का कोई खाकी वर्दी वाला मेरे मृतक शरीर को न छूने की कोशिश भी न करें. मैं नहीं मानता कि-तुम मेरे मृतक शरीर को छूने के भी लायक हो.आप भी उपरोक्त पत्र पढ़कर जाने की क्यों नहीं हैं पुलिस के अधिकारी मेरे मृतक शरीर को छूने के लायक?

    मैं आपसे पत्र के माध्यम से वादा करता हूँ की अगर न्याय प्रक्रिया मेरा साथ देती है तब कम से कम 551लाख रूपये का राजस्व का सरकार को फायदा करवा सकता हूँ. मुझे किसी प्रकार का कोई ईनाम भी नहीं चाहिए.ऐसा ही एक पत्र दिल्ली के उच्च न्यायालय में लिखकर भेजा है. ज्यादा पढ़ने के लिए किल्क करके पढ़ें. मैं खाली हाथ आया और खाली हाथ लौट जाऊँगा.

    मैंने अपनी पत्नी व उसके परिजनों के साथ ही दिल्ली पुलिस और न्याय व्यवस्था के अत्याचारों के विरोध में 20 मई 2011 से अन्न का त्याग किया हुआ है और 20 जून 2011 से केवल जल पीकर 28 जुलाई तक जैन धर्म की तपस्या करूँगा.जिसके कारण मोबाईल और लैंडलाइन फोन भी बंद रहेंगे. 23 जून से मौन व्रत भी शुरू होगा. आप दुआ करें कि-मेरी तपस्या पूरी हो

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  4. घूमकर आना तो हमें भी बताना कि क्या-क्या देखा.

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  5. खूब फोटो खींच कर लाना..

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  6. हमें भी फोटो दिखाना.

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