शुक्रवार, फ़रवरी 04, 2011

रास आइलैंड में हिरणों के साथ पाखी..

पिछले हफ्ते मैं ममा-पापा के साथ रास आइलैंड गई. वहां मैंने खूब मस्ती की. मेरा प्यारा सा पार्क, बीच, खूब लम्बे-लम्बे कोकोनट के पेड़ और ढेर सारा खंडहर. पापा ने बताया कि पोर्टब्लेयर से पहले अंग्रेजों ने रास आइलैंड को ही राजधानी बनाया. यहाँ तो खूब खंडहर दिखते हैं. यह सब भी दिखाउंगी, पर आज देखिये वहाँ के हिरण.


कित्ती मस्ती से कोकोनट खाते हैं.


..ममा ने दिखाया तो दौड़ा आया.


पापा ने भी तो ट्राई किया..


इस हिरण की सींघें कित्ती बड़ी-बड़ी हैं..


और यह प्यारा सा हिरण..

आप भी जब कभी रास आइलैंड जाइएगा, तो इन हिरणों को खूब कोकोनट खिलाईयेगा .

16 टिप्‍पणियां:

  1. वाह क्या बात है ...बहुत अच्छे..

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  2. बहुत अच्छे लगे फोटो , पाखी का ब्लॉग भी , छह सात साल पहले हम लोग भी पोर्ट ब्लेयर आए थे , रास आयलैंड और गांधीपार्क की यादें ताज़ा हो गईं ..

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  3. अरे ये हिरन कहाँ से आ गए ? पहले तो नहीं थे ।
    लेकिन बहुत सुन्दर हैं ये तो ।

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  4. लगता है -
    अब तो अंडमान में ही आकर बसना पड़ेगा!

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  5. पाखी जी तो पूरा अडंमान घुमा रही हैं।

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  6. बेनामी04 फ़रवरी, 2011

    Pakhi Island ki Shair karwane ke liye thank you so much. Kept up. Best of luck & God bless you.

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  7. ध्यान रहे कि इस सुंदर जगह को प्रदूषित न किया जाय :)

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  8. बेनामी05 फ़रवरी, 2011

    @ रावेंद्रकुमार रवि जी हमें भी ले चलियेगा... :)

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  9. अरे ये तो बड़ी सुन्दर जगह है ! वाव !

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  10. ये तो बहुत सुन्दर हैं|फोटो भी बहुत अच्छी हैं | धन्यवाद|

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  11. वाह क्या बात है.......... डर नहीं लग रहा क्या....

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  12. वाह .... बहुत बढ़िया पाखी.....

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  13. इत्ते सारे हिरण...सुन्दर तस्वीरें.

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  14. वसंत पंचमी पर शुभकामनायें.

    माँ सरस्वती का आशीर्वाद आप पर बना रहे.

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  15. @ Daral Ji,

    सही कहा आपने ये हिरन पहले नहीं थे, अब सुनामी के बाद वहां बसाये गए हैं.

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