सोमवार, जुलाई 19, 2010

प्यारे - प्यारे पंछी

दो दिनों तक चिड़िया-टापू पर रही. ना तो मोबाईल का नेटवर्क मिला और ना ही 3-जी। बड़ा मजा आया. बारिश में जमकर भीगी. ममा-पापा की डांट भी सुनी. और जब लौटकर आई तो समीर अंकल जी ने प्यारी सी कविता मेरे लिए लिख भेजी- ''प्यारे प्यारे पंछी''. कित्ता प्यारी कविता है ये और हाँ, एक सन्देश भी छिपा है इसमें. समीर अंकल यूँ ही नहीं सबसे अच्छे वाले अंकल हैं. अब जल्दी से आप भी इस कविता को पढ़िए और समीर अंकल जी को ढेर सारा धन्यवाद देते हुए मुझे भी अपना प्यार दीजियेगा।
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एक कविता प्यारी बिटिया पाखी के लिए:

इक चिड़िया आँगन में आकर
दाना मुझसे मांग रही है
खानें में से बचा हुआ ही
थोड़ा खाना मांग रही है.
वैसे भी तुम फेंक ही दोगे
हम सब उससे पल जायेंगे
देंगे खूब दुआएँ तुझको
गीत खुशी के गायेंगे.
चूँ चूँ कर अंगना चहकेगा
पुष्प गंध से घर महकेगा
दान पुण्य से खुश हो भगवन
दामन में खुशियाँ भर देगा.
पंछी होते प्यारे प्यारे
प्रकृति के होते रखवारे
मेहनत और प्रेम की भाषा
सीखे, जो भी इन्हें निहारे.
इक चिड़िया आँगन में आकर
दाना मुझसे मांग रही है
बचे हुए खाने में से ही
थोड़ा खाना मांग रही है।

और ये प्यारी सी गौरैया भी तो इस कविता के साथ समीर अंकल जी ने भेजी है. लगता है भूखी है. अभी इसके लिए ढेर सारे दाने लेकर आती हूँ...

37 टिप्‍पणियां:

  1. बड़ी प्यारी कविता है प्यारी सी गुड़िया के लिये।

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  2. प्यारी पाखी,
    प्यारी चिड़िया,
    कविता प्यारी अंकल की !
    अभी सैरकर लौटी है-
    पर्वत-घाटी-जंगल की !!

    फूलों सा महके आँगन में
    खुशियाँ सी दमके आँगन में
    गौरैया बनके आँगन में -
    चूँ चूँ कर चहके आँगन में-
    तैयारी करने को आतुर-
    ब्लॉग पर फिर से दंगल की !!
    कविता प्यारी अंकल की !!

    ढेर सारा प्यार पाखी....

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  3. इक चिड़िया आँगन में आकर
    दाना मुझसे मांग रही है
    खानें में से बचा हुआ ही
    थोड़ा खाना मांग रही है.
    ..कहीं ये चिड़िया हमारी प्यारी पाखी ही तो नहीं है.

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  4. समीर जी के साथ-साथ रविन्द्र प्रभात जी ने भी बेजोड़ कविता रच डाली....बधाई.

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  5. मेहनत और प्रेम की भाषा
    सीखे, जो भी इन्हें निहारे.
    बहुत सुन्दर

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  6. समीर जी एक कविता यहाँ पहले भी पढ़ी थी और अब पुन: ये मनभावन कविता...अच्छा सन्देश देती है ये कविता. समीर जी और पाखी दोनों लोगों को बधाई.

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  7. पाखी (पक्षी) की दुनिया में समीर (हवा) लाये "प्यारे - प्यारे पंछी"...कितनी दूर से उड़कर आई. कनाडा से अंडमान....

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  8. पंछी होते प्यारे प्यारे
    प्रकृति के होते रखवारे
    मेहनत और प्रेम की भाषा
    सीखे, जो भी इन्हें निहारे.
    ...Excellent.

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  9. वाह पाखी, चिड़िया टापू की सैर करते ही ढेर सारे प्यारे-प्यारे पंछी....मुबारक हो यह प्यारी कविता.

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  10. तैयारी करने को आतुर-
    ब्लॉग पर फिर से दंगल की !!
    कविता प्यारी अंकल की !!

    ....सर्वश्रेष्ठ नन्हीं ब्लागर बनने के बाद पाखी को फिर से आमंत्रण..शुभकामनायें.

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  11. चूं-चूं करती पाखी आई....आशीष. समीर जी को प्यारी कविता के लिए साधुवाद.

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  12. बाल-मन पर समीर लाल जी की जबरदस्त पकड़ है. शानदार कविता..सुन्दर सन्देश.

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  13. पाखी तो खुद ही पक्षियों जैसे फुदक-फुदक करती रहती है..

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  14. वैसे भी तुम फेंक ही दोगे
    हम सब उससे पल जायेंगे
    ...काश ऐसा हर कोई सोचता. खूबसूरत लिखा समीर जी ने.

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  15. समीर लाल जी की बेहतरीन कविता. मनोरंजन भी, सन्देश भी....बच्चों के मन पर ऐसी कवितायेँ सकारत्मक रूप में सीधा प्रभाव छोडती हैं. ..बधाई.

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  16. चिड़िया-टापू से लौटी तो प्यारे-प्यारे पक्षी भी साथ लायी बिटिया रानी...मजेदार कविता.

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  17. प्यारी पाखी,
    प्यारी चिड़िया,
    कविता प्यारी अंकल की !
    अभी सैरकर लौटी है-
    पर्वत-घाटी-जंगल की !!

    ....कविता में अच्छा गूंथा रविन्द्र जी ने भी..बधाई.

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  18. चूँ चूँ कर अंगना चहकेगा
    पुष्प गंध से घर महकेगा
    दान पुण्य से खुश हो भगवन
    दामन में खुशियाँ भर देगा...bAHUT SUNDAR RACHNA..CONGTS.

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  19. बहुत प्यारी कविता लिखी है समीर अंकल ने ।
    चिड़िया टापू में बहुत मज़ा आया ना ।
    गौरैया का फोटो तो बड़ा प्यारा है ।

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  20. समीर लाल जी ने बहुत बढ़िया कविता रची है!
    --
    इतनी बढ़िया कविता रचने के लिए
    समीर जी को धन्यवाद
    और इसे प्रकाशित कर हम सबके सम्मुख लाने के लिए
    पाखी को बहुत-बहुत प्यार!

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  21. आप सबका और बिटिया पाखी का बहुत आभार इस प्यार और स्नेह के लिए.

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  22. रवीन्द्र प्रभात जी ने चार चाँद लगा दिये.

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  23. प्रिय पाखी,
    आपके समीर अंकल ने बहुत ही अच्छी कविता लिखी है,
    समीर जी को बहुत-बहुत आभार...

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  24. हमारी भी बधाई...
    ********************
    'बाल-दुनिया' हेतु बच्चों से जुडी रचनाएँ, चित्र और बच्चों के बारे में जानकारियां आमंत्रित हैं. आप इसे hindi.literature@yahoo.com पर भेज सकते हैं.

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  25. शानदार कविता..सुन्दर सन्देश.

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  26. बहुत सुन्दर कविता.. और हेडर...बहुत खुबसुरत

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  27. समीर लाल समीर तो हमारे मित्र ही हैं!
    उनकी रचना पढकर अछ्छा लगा!
    --
    आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है-
    http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/07/7.html

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  28. बेनामी21 जुलाई, 2010

    बहुत सुंदर

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  29. @ रविन्द्र प्रभात अंकल जी,

    आपने तो कमेन्ट के रूप में ही अच्छी सी कविता रच डाली...बहुत प्यारी सी-न्यारी सी.

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  30. @ Ratnesh Uncle,

    पड़ गए ना चक्कर में आप..हा..हा..हा..

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  31. @ Samir Uncle JI,

    आप तो इस प्यार के हक़दार हैं सबसे अच्छे वाले अंकल जी...

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  32. @ मयंक दादा जी,

    चर्चा के लिए आपको ढेर सारा प्यार व आभार.

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  33. ..आप सभी अपना आशीष व स्नेह इसी तरह देते रहें.

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  34. समीर अंकल यहाँ भी .....इत्ती सुन्दर कविता ,पाखी बेटा तुम्हे और तुम्हारी छोटी बहन को ढेर सारा प्यार.

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