शनिवार, जून 05, 2010

वृक्ष कहीं न कटने पाएं (विश्व पर्यावरण दिवस)

आपको पता है, आज विश्व पर्यावरण दिवस है। पर्यावरण तो हमारे जीवन का अभिन्न अंग है, इसके बिना हमारे जीवन का कोई अर्थ नहीं. हम निरोगी रहें, स्वस्थ रहें, अच्छी वायु मिले॥इन सबके लिए पर्यावरण का शुद्ध होना बहुत जरुरी है. यदि पर्यावरण को हम स्वच्छ नहीं रखेंगे और उसे नुकसान पहुंचाएंगे तो वह भी हमसे नाराज हो जायेगा. हम अपने पार्क में चारों तरफ ढेर सारे पेड़-पौधे व फूल देखकर कितना खुश होते हैं, पर कल को यह सब नहीं रहेगा तो कितना ख़राब लगेगा. चारों तरफ फैला समुद्र, पहाड़ और उनके बीच हरे-भरे पेड़-पौधे और फूलों कि पंखुड़ियाँ और कलरव करती चिड़िया देखकर कितना आनंद आता है, यहाँ हम लोग घूमने जाते हैं...जब सब ख़त्म हो जायेगा तो रोने के सिवाय कुछ भी नहीं बचेगा. यह हमारी पृथ्वी ही है, जहाँ इतनी विविधता है और यहीं पर जीवन भी है. इसीलिए इस बार के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम भी है- '' कई प्रजातियाँ, एक ग्रह, एक भविष्य.''...तो आइये आज हम लोग संकल्प उठाते हैं की प्रकृति को कोई नुकसान नहीं पहुँचायेगे. अपने अस-पास के पेड़-पौधों और फूलों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. पानी बर्बाद नहीं करेंगे और जीव-जंतुओं को भी परेशान नहीं करेंगे. समुद्र व नदी में कूड़ा व पालीथीन भी नहीं डालेंगे. यदि हर कोई ऐसे सोचेगा तो फिर प्रकृति और पर्यावरण भी खुश होंगे. चलते-चलते पापा की लिखी गई यह बाल-कविता पढ़ते हैं-

सुन्दर-सुन्दर वृक्ष घनेरे
सबको सदा बुलाते
ले लो फल-फूल सुहाने
सब कुछ सदा लुटाते ।

करते हैं जीवन का पोषण
नहीं करो तुम इनका शोषण
धरती पर होगी हरियाली
तो सारे जग की खुशहाली।

वृक्ष कहीं न कटने पाएं
संकल्पों के हाथ उठाएं
ढेर सारे पौधे लगाकर
धरती से मरूभूमि भगाएं।
( इसकी चर्चा "रविवासरीय चर्चा-मनोज कुमार" (चर्चा मंच-175) के अंतर्गत भी देखें )

26 टिप्‍पणियां:

  1. इस दिवस को समर्पित सार्थक पोस्ट।

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  2. विश्व पर्यावरण दिवस' पर बेहतरीन प्रस्तुति..बधाई.

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  3. पाखी जी,
    आपने पर्यावरण-दिवस पर जो संकल्प लिया है,
    उसमें मैं पूरी तरह से आपके साथ हूँ!

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  4. sundar pyaari post is muhim me main bhi sath hun...

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  5. सुन्दर और प्रभावी....संदेशात्मक रचना

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  6. सुन्दर प्रस्तुति सन्देश देती हुई

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  7. करते हैं जीवन का पोषण
    नहीं करो तुम इनका शोषण
    धरती पर होगी हरियाली
    तो सारे जग की खुशहाली।
    ...Bahut sundar !!

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  8. पाखी, आपका संकल्प प्यारा लगा. शुक्र है कि आज की पीढ़ी इस सम्बन्ध में इतनी सचेत है.

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  9. पर्यावरण दिवस की बधाई...बेहतरीन पोस्ट. आपका संकल्प प्रेरणादायी है..शुभकामनायें.

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  10. जब सब ख़त्म हो जायेगा तो रोने के सिवाय कुछ भी नहीं बचेगा. यह हमारी पृथ्वी ही है, जहाँ इतनी विविधता है और यहीं पर जीवन भी है. इसीलिए इस बार के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम भी है- '' कई प्रजातियाँ, एक ग्रह, एक भविष्य.''...तो आइये आज हम लोग संकल्प उठाते हैं की प्रकृति को कोई नुकसान नहीं पहुँचायेगे...आज तो अक्षिता ने सुन्दर व सार्थक सदेश दिया..साधुवाद.

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  11. बेनामी05 जून, 2010

    वाह पाखी, आपने तो बड़ी समझदारी वाली बात कही. हम भी आपके साथ हैं..शुभकामनायें.

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  12. बेनामी05 जून, 2010

    और आपकी फोटोग्राफ तो बहुत प्यारी है, कहाँ खिंचवाई.

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  13. अद्भुत . पाखी इस नन्ही सी उम्र में भी इत्ता दूर तक सोचती है..ग्रेट.

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  14. @ Ravi Uncle ji,

    यह मेरा सौभाग्य है. अपना स्नेह बनाये रहें.

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  15. आप सभी को मेरी यह पोस्ट पसंद आई. इसके लिए आप सभी को ढेर सारा प्यार व आभार. अपना स्नेह व आशीष यूँ ही बनाये रहें.

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  16. पर्यावरण दिवस पर यही संकल्प हर व्यक्ति को ग्रहण करना चाहिए।
    सुन्दर कविता, सुन्दर भाव।
    --------
    रूपसियों सजना संवरना छोड़ दो?
    मंत्रो के द्वारा क्या-क्या चीज़ नहीं पैदा की जा सकती?

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  17. बहुत अच्छा , संदेशात्मक रचना

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  18. अरे, बिटिया रानी ने तो पहले से ही कविता लगा रखी है और हमने भी इसी पर लिख कर भेज दी. :(

    बढ़िया पोस्ट!!

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  19. बहुत अच्छी प्रस्तुति।
    इसे 06.06.10 की चर्चा मंच (सुबह 06 बजे) में शामिल किया गया है।
    http://charchamanch.blogspot.com/

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  20. bahut sunadar...

    करते हैं जीवन का पोषण
    नहीं करो तुम इनका शोषण

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  21. आज तो अक्षिता ने सुन्दर व सार्थक सदेश दिया.......

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  22. @ samir Uncle ji,

    अंकल जी, कविता भेजने के लिए आपको ढेर सारा प्यार व आभार. कित्ती प्यारी कविता लिखी है आपने...अब तो आपकी चाकलेट पक्की. कल 7 जून को यह प्यारी सी कविता पढना ना भूलियेगा.

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  23. @ मनोज अंकल जी,

    इसके लिए आपको ढेर सारा प्यार व आभार.

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  24. पेड़

    जीवन के श्रृंगार पेड़ हैं
    जीवन के आधार पेड़ हैं।

    ठिगने - लम्बे, मोटे - पतले
    भांत - भंतीले डार पेड़ हैं।

    आसमान में बादल लाते
    बरखा के हथियार पेड़ हैं।

    बीमारों को दवा ये देते
    प्राण वायु औजार पेड़ हैं।

    रबड़, कागज, लकड़ी देते
    पक्षियों के घरबार पेड़ हैं।

    शीतल छाया फल देते हैं
    कितने ये दातार पेड़ हैं।

    खुद को समर्पित करने वाले
    ईश्वर के अवतार पेड़ हैं।।

    दीनदयाल शर्मा ,
    हनुमानगढ़ जं, राजस्थान... www.saanpsidhi.blogspot.com

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  25. आपके लेख हमेशा कुछ नयी बात ले कर आते हैं..जागरूकता प्रदान करते हैं...
    शुभकामनायें

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