रविवार, फ़रवरी 28, 2010

मजेदार है होली का रंग-बिरंगा त्यौहार

पिछले साल मैंने होली कानपुर में खेली, इस बार अंडमान में खेलूँगी. पहले मैं सोचती थी कि यहाँ पर पिचकारी, रंग, गुलाल नहीं मिलेगा पर ऐसा नहीं है. मैंने तो इस बार दो पिचकारी खरीदी है. उसमें ढेर सारे रंग भरकर सुबह-सुबह मम्मी-पापा को रंगना है. और हाँ होली की गुझिया भी मिलेगी. कितना मजेदार है न होली का यह रंग-बिरंगा त्यौहार. आप सब मुझे होली पर ढेर सारा प्यार दीजिये !!

11 टिप्‍पणियां:

  1. वाह बेटा खूब खेलो। मगर पानी कम बहाना। होली की हार्दिक शुभकामनायें और आशीर्वाद्

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  2. होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाये और ढेरो बधाई ...

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  3. होली की रंगभरी शुभकामनाएँ स्वीकार करें!

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  4. होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाये

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  5. जब फागुन रँग झमकते हो तब देख बहारेँ होली की |
    गुलजार खिले हो परियोँ के और मजलिस की तैयारी हो |
    कपड़ो पर रँग के छीटोँ से खुश रँग अजब गुलकारी हो |
    मुँह लाल, गुलाबी आँखे हो और हाथोँ मेँ पिचकारी हो |
    उस रँग भरी पिचकारी को अँगिया पर तक कर मारी हो |
    सीनो से रँग ढलकतेँ हो तब देख बहारेँ होली की . -"नजीर अकबराबादी"

    होली की रंगारंग शुभकामनाए

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  6. पाखी, हमारी तरफ से भी गुलाल लगा लेना.

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  7. Pakhi ko रंगपर्व की हार्दिक शुभकामनायें

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  8. इक शुभकामना हमारी भी, भले ही देर से.

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  9. ...पाखी की होली तो मजेदार रही..शुभकामनयें.

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