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शनिवार, जनवरी 09, 2016

विश्व पुस्तक मेला - 2016 : क्या है साहित्यकारों की अपेक्षाएँ

नई दिल्ली के प्रगति मैदान में हर वर्ष आयोजित होने वाले विश्व पुस्तक मेले का 23 वां आयोजन 9 से 16 जनवरी, 2016 तक होने जा रहा है। इस वर्ष विश्व पुस्तक मेले की खास बात यह है कि दुनिया भर से 18 देश अपने प्रकाशकों के साथ इसमें प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।  इस मेले से लोगों की बहुत अपेक्षाएँ हैं।  इसी क्रम में गाजियाबाद से प्रकाशित जागरूकता मेल ने तमाम साहित्यकारों-ब्लोगर्स की राय प्रकाशित की।  इसमें भारत की सबसे कम उम्र की राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता एवं नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी ) के विचार भी प्रकाशित हैं।  आप भी पढ़ें -

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में बच्चों हेतु ज्यादा पुस्तकों के साथ-साथ एक किड कार्नर भी होना चाहिए, जहाँ बच्चे खेल-खेल में कुछ सीख सकें। बच्चों के साथ बाल साहित्यकारों का संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया जाना चाहिए। पुस्तक मेल सिर्फ प्रदर्शनी का माध्यम ही नहीं बने, बल्कि यहाँ से समाज को सन्देश भी देने की जरूरत है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी थीम पर प्रधानमन्त्री मोदी जी ने अच्छी पहल की है। इस विषय पर पुस्तकों और कार्यक्रम का भी विश्व पुस्तक मेला में आयोजन हो।

- अक्षिता (पाखी), 
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता
कक्षा-3,  जोधपुर, राजस्थान।


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