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रविवार, सितंबर 28, 2014

नन्ही ब्लाॅगर की बड़ी कामयाबी


ककहरा सीखने की उम्र में नन्ही अक्षिता (पाखी) ने अपनी सृजनात्मक क्षमता के बल पर मात्र सात साल में बड़े रिकार्ड कायम किए हैं। ‘पाखी की दुनिया’ ब्लाग का संचालन 24 जून 2009 से कर रही अक्षिता (पाखी) को सबसे कम उम्र की ब्लागर के तौर पर भारत सरकार की ओर से 2012 में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ मिल चुका है। उसे मात्र चार वर्ष आठ माह की अवस्था में आर्ट और ब्लागिंग के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसको 66 हजार से अधिक लोगों ने पढ़ा।

भारत सरकार की ओर से ब्लागिंंग के क्षेत्र में सम्मानित होने वाली अक्षिता पहली बाल प्रतिभा है। इससे पहले भी अक्षिता को 2011 में अंतरराष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन में ‘श्रेष्ठ नन्ही ब्लागर’ के सम्मान से नवाजा जा चुका है। सितंबर 2013 में काठमांडू (नेपाल) में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन में अक्षिता ने एकमात्र ब्लागर के तौर पर भाग लेकर सम्मान पाया।

ड्राइंग और कविता पहली पसंद

25 मार्च 2007 को कानपुर में जन्मी अक्षिता वर्तमान में गर्ल्स हाई स्कूल इलाहाबाद में दूसरी कक्षा की छात्रा हैं। पिता कृष्ण कुमार यादव इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं पद पर तैनात होने के साथ चर्चित ब्लागर हैं। माता आकांक्षा यादव भी साहित्य लेखन के साथ ब्लागर हैं। अक्षिता ने बताया कि उसे ड्राइंग बनाना, कविता कहना और लिखना पसंद है।

(नन्ही ब्लॉगर की बड़ी कामयाबी : नवरात्र आरम्भ हो गए हैं। इसी क्रम में अमर उजाला (इलाहाबाद, 25 सितंबर 2014) में अक्षिता (पाखी) के बारे में प्रकाशित रिपोर्ताज़। अक्षिता से आप उसके पेज Akshita (Pakhi) : पाखी की दुनिया पर भी जुड़ सकते हैं। अक्षिता को आप सबका आशीर्वाद और स्नेह यूँ ही मिलता रहे।) 


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