आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

रविवार, जून 30, 2013

आकाश में तारों के बीच से गुजरते हुए अद्भुत दुनिया की सैर

आकाश में तारों के बीच से गुजरते हुए उनकी अद्भुत दुनिया की सैर करना कितना अच्छा लगता है। यह हमने महसूस किया आनंद भवन, इलाहाबाद स्थित जवाहर प्लेनेटेरियम (Planetarium) की यात्रा करके। 


जवाहर प्लेनेटेरियम के अन्दर प्रवेश से पहले ही हमें बताया गया कि अगर आप अंतरिक्ष में गए बगैर ही खगोलीय दुनिया की तमाम जानकारियों से लैस होना चाहते हैं तो जवाहर प्लेनेटेरियम आपका बेहतर दोस्त हो सकता है। इसकी मदद से आप रोचक, रोमांचक तरीके से आकाश में तारों के बीच से गुजरते हुए उनकी अद्भुत दुनिया की सैर कर सकते हैं। नई विषयवस्तु पर तैयार दो नए सूचनाप्रद और मनोरंजक कार्यक्रम खगोलीय दुनिया के रहस्यों को सरल तरीके से समझाएंगे।


फिर तो हम तुरंत इस यात्रा के लिए तैयार हो गए। प्लेनेटेरियम के अन्दर जाकर अपनी-अपनी कुर्सियों पर बैठ गए और कुछेक देर बाद ही आरंभ हुई झिलमिल तारों के साथ एक सुन्दर सैर। पहले चरण में ‘जर्नी टू इनफिनीटी’ में पृथ्वी से आगे गहन अंतरिक्ष की यात्रा कराई गई। तारों के बीच से गुजरना बेहद रोमांचक अनुभव लगा। 

गौरतलब है कि ‘जर्नी टू इनफिनीटी’ उसी अमेरिकी कंपनी की ओर से तैयार की गई है जिसकी मदद से पिछले दिनों प्लेनेटेरियम को नया और आधुनिक रूप मिला। यहाँ प्लेनेटेरियम टीम ने इसका हिन्दी अनुवाद करते हुए रिकार्डिंग, वायसओवर से लेकर प्रोसेसिंग तक से इसे नया रूप दिया।


दूसरे चरण में ‘तारों की सैर’ में 88 तारामंडलों में से कई के बारे में जानकारी दी गई । इसके तहत तारों को पहचानने के तरीके और विशेष तारों की दुनिया से जुड़ी जानकारियां भी दी गईं।  



यहाँ आप अपने को अन्तरिक्ष यात्री  (Astronaut) के रूप में भी देख सकते हैं। यह भी एक रोचक अनुभव रहा।

जवाहर प्लेनेटेरियम के बाहर एक मिसाइल को भी दर्शाया गया है। 

अर्थात खेल-खेल में बच्चों को सीखने को यहाँ बहुत कुछ है।

वाकई जवाहर प्लेनेटेरियम में तारों के साथ यह सैर एक खूबसूरत अनुभव रहा। अक्षिता और अपूर्वा तो बेहद रोमांचित थीं। 

शनिवार, जून 29, 2013

इलाहाबाद में आनन्द भवन की यात्रा

आज हम आनंद भवन गए।  इलाहाबाद आए हुए  हमें एक  साल से ज्यादा हो गया।  कई  बार जाने के लिए पापा से कहा, पर आज जाकर पापा को समय मिला। इसे मैं इसलिए भी देखना चाहती थी कि यह हम बच्चों के प्यारे चाचा नेहरु से जुड़ा हुआ है। पंडित जवाहर लाल नेहरु ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री भी थे। 




वाकई यह बहुत खुबसूरत और विशाल है। यहाँ नेहरु जी और उनके परिवार से सम्बंधित तमाम चीजें रखी हुई हैं।




इंदिरा गाँधी और फ़िरोज़ गाँधी जी का विवाह भी यहीं हुआ था। 
यहाँ नेहरु जी और उनके परिवार से सम्बंधित तमाम चीजें रखी हुई हैं। उनका बेड  रूम, लिविंग रूम, स्टडी रूम, और मीटिंग हाल इत्यादि को चारों तरफ शीशे से पारदर्शी रूप में सुरक्षित गया है, ताकि लोग बाहर से आसानी से देख सकें। 
आनंद भवन में एक चित्र प्रदर्शनी भी लगी हुई है, जहाँ नेहरु जी से सम्बंधित महत्वपूर्ण घटनाओं को अंकित किया गया है।

आज तो मौसम भी बहुत अच्छा था। ...स्कूल की भी हालिदेज़ चल रही हैं। हमने तो खूब इंजॉय किया !!

शुक्रवार, जून 28, 2013

नन्हा सा, मासूम सा, सकुचाया और शरमाया सा...

बारिश के दिनों में कल शाम को माली जब हमारे लान में स्थित गुड़हल  के पेड़ की छंटाई कर था तो उसे वहां एक चिड़िया का घोंसला दिखा। फिर उसने यह बात  को बताई और जब हमने जाकर देखा तो उस घोंसले में एक चिड़िया का बच्चा था।  


नन्हा सा, मासूम सा, सकुचाया और शरमाया सा ...


नन्हा सा, मासूम सा ...हमें देखते ही अपनी चोंच ऐसे खोलता  मानो भूखा हो।  


एक बारगी हमने सोचा कि  इसे किसी सुरक्षित जगह पर रख दें, पर फिर लगा कि इसकी मां इसे यहाँ न पाकर बहुत परेशान होगी। हमने उसके चारों  तरफ़  पत्तियों का घेरा बनाया, ताकि वह सुरक्षित रहे। कोई पक्षी या जानवर उसे नुकसान न पहुंचा सके। हमने उसके घोंसले में कुछ खाने की चीजें भी  रखवा दी हैं। 

सुबह हमने उसे फिर देखा तो वह अपलक हमें देख रहा था, मानो  कुछ कहना चाहता हो। 

रविवार, जून 16, 2013

आज का दिन तो सिर्फ पापा का है


आज फादर्स डे है. हर साल जून  माह के तीसरे  रविवार को यह सेलिब्रेट किया जाता है.वैसे तो पापा से प्यार जताने के लिए किसी खास दिन की जरुरत नहीं, पर आज का दिन तो सिर्फ पापा का है..आज के दिन के लिए 
पापा  को ढेर सारा प्यार और बधाई. U r the best Papa.



मैं तो अपने पापा से बहुत प्यार करती हूँ। पापा भी हमें बहुत प्यार करते हैं। मेरी जुबान से कुछ निकलने  की देरी नहीं, ये मेरी हर फरमाइश पूरी करते हैं। न जाने कित्ती बार अपनी जिद मैंने पापा से पूरी करवाई है, बाद में लगा कि मैं गलत थी। पर पापा ने कभी भी बुरा नहीं माना। 




तभी तो मेरे लिए पापा सिर्फ पापा नहीं बेस्ट फ्रेंड भी हैं। आज तो मैं ममा और अपूर्वा के साथ मिलकर पापा  को कोई सरप्राइज गिफ्ट दूंगी।

I Love u papa too much. U r the best papa.

शनिवार, जून 08, 2013

बारिश के दिन

गता है बारिश के दिन आने वाले हैं। आसमां पर छाये बादल और रिमझिम बारिश ने तो अपनी उपस्थिति दर्ज ही करा दी है। कल इलाहाबाद में सुबह-सुबह बारिश हुई तो खूब इंजॉय किया। 


सबकी निगाह बचाकर भीगने का मजा लिया और जब डांट पड़ी तो छाते में।

अपूर्वा ने भी खूब इंजॉय किया। टिप-टिप गिरती बारिश की बूंदों को हथेली में पकड़ने का प्रयास करती।

ये छाता मैं भी ट्राई करती हूँ - अपूर्वा।


पापा भी पीछे नहीं रहे ...

अब तो लगता है कि कितनी जल्दी झमाझम बारिश हो जाए।  

बुधवार, जून 05, 2013

धरती पर हरियाली लाओ...


आज विश्व पर्यावरण दिवस है। पर्यावरण के लिए पेड़-पौधे बहुत जरुरी हैं। इनके बिना तो सब कुछ सूना है। आज इस दिवस पर , ममा के बाल-गीत संग्रह "चाँद पर पानी'' से एक छोटी सी कविता- 



पेड़-पौधे खूब लगाओ,
धरती पर हरियाली लाओ।

पेड़ हमें छाया-फल देते,
बदले में हैं कुछ नहीं लेते।

पेड़ों पर पक्षी चहचहाते,
हर मौसम में मन हर्षाते।

प्रदूषण को दूर भगाते,
शोषण इनको नहीं सुहाते।

देते सबको जीवन दान,
आओ करें इनका सम्मान।

- आकांक्षा यादव -