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मंगलवार, फ़रवरी 26, 2013

बिना सीट की साईकिल का जज्बा : बेटी बचाओ, वन बचाओ, भाईचारा बचाओ का सन्देश

सायकिल चलाना हम सभी को अच्छा लगता है। पर बिना सीट की साईकिल चलाना मुश्किल ही नहीं असंभव लगता है। पर इसे सच कर दिखाया है हीरा लाल यादव जी ने। एक दिन में तो कई बार वह 100 किलोमीटर तक साईकिल चलते हैं।
उद्देश्य है-लोगों को जागरूक करना। इस बार उन्होंने अपनी यात्रा आरंभ की अरुणांचल प्रदेश से अमृतसर तक। इलाहबाद पहुंचे तो हमारे घर भी मिलने आए। इससे पहले वह अंडमान में भी हमसे मिल चुके हैं।  
सर्वधर्म सद्भावना यात्रा के तहत बेटी बचाओ, वन बचाओ, भाईचारा बचाओ का सन्देश लेकर अमृतसर तक बिना सीट की साईकिल से यात्रा कर रहे हीरालाल यादव अंकल जी के जज्बे को मैं सलाम करती हूँ। उनके इस अभियान के लिए मैंने 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' के तहत प्राप्त राशि में से पाँच हजार रूपये भी भेंट किये।

6 टिप्‍पणियां:

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

Bahut sundar pakhi..congts. alot.

Shah Nawaz ने कहा…

Waah... bahut badhia Pakhi Bitiya....

Keep it up!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

हीरालाल जी का ध्येय बड़ा पावन है, ईश्वर उन्हें सफलता दे।

travel ufo ने कहा…

पावन कार्य में पावन आहूति

travel ufo ने कहा…

लेकिन चाइनीज है ना तो लेने का मन नही कर रहा

Shahroz ने कहा…

हीरा लाल जी का जज्बा वाकई जोशीला है। ऐसे लोगों से मिलवाने के लिए अक्षिता को थैंक्स।