आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

शनिवार, जुलाई 11, 2009

बारिश के दिन

बारिश का मौसम हो तो घूमने का मजा ही कुछ अलग है. मुझे बारिश में भीगने का मन करता है, पर मम्मी-पापा ऐसा नहीं करने देते. जब भी बाहर निकलो हाथ में अम्ब्रेला थमा देते हैं. अब ये भी कोई बात हुई. बस सोच रही हूँ, कहाँ मम्मी-पापा इधर-उधर हों और मैं उनकी निगाहों से बचकर बारिश में भीगने का मजा लूं !!

25 टिप्‍पणियां:

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

पाखी कहाँ चली गई थी, बहुत दिन बाद आई..सुन्दर लग रही हो.

Bhanwar Singh ने कहा…

अच्छे बच्चे बारिश में नहीं भीगते..बीमार हो जाओगी तो मम्मी-पापा की डांट भी पड़ेगी.

S R Bharti ने कहा…

Pakhi ka umbrella to bahut sundar hai..aur pakhi to beautiful lag rahi hai.

S R Bharti ने कहा…

Pakhi ka umbrella to bahut sundar hai..aur pakhi to beautiful lag rahi hai.

शोभना चौरे ने कहा…

bhigo khoob bhigo are abhi to barish aa bhi rhi hai yhi to tumhari dhrohar hogi.
pyar

swapnil ने कहा…

बारिश में भीगना मुझे भी अच्छा लगता है ...पर क्या करूँ मम्मी के डर से खिड़की से ही बारिश का नजारा करके संतोष करना पड़ता है ...

विवेक सिंह ने कहा…

प्यारी प्यारी पाखी तुम जल्दी जल्दी बड़ी हो जाओ हमारा आशीर्वाद है . तुमसे मिलकर हमें अच्छा लगा .

वैसे अपनी पोस्ट जब हमारी ही समझ में नहीं आयी तो तुम क्या समझ पाओगी . बच्ची हो ना :)

रंजन (Ranjan) ने कहा…

बहुत प्यारी..तुम्हे भी जोड़ लिया आदि के दोस्तों में.. अब नियमिता आयेगें.. तुम्हारी प्यारी बातें सुनने..

प्यार

नीरज गोस्वामी ने कहा…

अरे छाता तो आपसे भी बड़ा है लेकिन है बहुत सुन्दर, आपकी फोटो भी कितनी प्यारी है...मिष्टी अच्छी है और आपके छाते के नीचे खड़े हो कर मजे करना चाहती है...
नीरज

राज भाटिय़ा ने कहा…

अरे पाखी जब बहुत ज्यादा गर्मी हो तो वारिश मै नहा लो कोई डर नही लेकिन बहुत ज्यादा नही, ओर इतनी बडी छतरी ले कर बाहर मत जाना कही हमारी नन्ही सी जान तेज हबा मै छतरी के संग उड ना जाये..
बेटा बहुत सुंदर फ़ोटो लगी आप की.
बहुत सा प्यार

Murari Pareek ने कहा…

राजस्थान मैं बरसात के क्या आसार हैं संगीताजी ?? हालाँकि लगाईं गई फसल का सत्यानाश हो चूका है !!

Harshvardhan ने कहा…

wah chata pakadkar tumhe dekhkar achcha laga.... mansoon aa raha hai maja lo barish ka... pahli baar is blog par aan ahua achcha laga.. ab aata rahunga...

Abhishek Ojha ने कहा…

वैसे कभी कभी भीगना भी चाहिए :)

कडुवासच ने कहा…

... बहुत खूब, सिर्फ रिमझिम का आनन्द लेना मजेदार रहेगा !!!!!

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

bharish aur chhata..upar se natkhat bachpan..

ati sundar...

बेनामी ने कहा…

पाखी, बारिश में भीगे नहीं तो फिर बारिश का कैसा आनंद.... जब मम्मी पापा न देखे तो चुपके से भीग लेना :)

आप लविज़ा से मिले या नहीं.... आपकी तरह ही शरारती है वो भी.

Shyama ने कहा…
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Shyama ने कहा…

पाखी! हमें भी अपनी छतरी में छुपा लो...फिर हम आपको बारिश में घुमाएंगे.

बेनामी ने कहा…

पाखी! हमें भी बारिश में भीगना अच्छा लगता है.

शरद कुमार ने कहा…

Rain-Rain Go away.
Come at another day.

बेनामी ने कहा…

पाखी कहाँ चली गई थी. लगता है ननिहाल चली गई थी. तभी तो इतने दिन बाद दिखी. बहुत सुन्दर चित्र लगाया है. हम भी बचपन में तुम्हारे जैसे ही शरारती थे.

www.dakbabu.blogspot.com ने कहा…

Pakhi rani badi sayani!
Karti hai apni Manmani !!
...Have a good day Pakhi.

Urmi ने कहा…

पाखी तुम तो ख़ूबसूरत हो ही और छाता के साथ तो और भी अच्छी लग रही हो!

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…
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Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

बारिश तो हमें भी खूब भाती है. तुमने पुराने दिनों की याद ताजा कर दी.

ढेर सारा प्यार व शुभकामनायें.